Elon Musk | Twitter | Tesla के मालिक Elon Musk ने Twitter क्यों खरीदा | जानिए कितने में हुई डील


Elon Musk का हुआ Twitter

Tesla के चीफ एलन मस्क (Elon Musk) ने Twitter को खरीद लिया है। Twitter ने आधिकारिक रूप से बताया कि यह डील 44 अरब डॉलर (करीब 3.4 लाख करोड़ रुपये) में हुई है। एलन मस्क ने twitter inc में 54.20 डॉलर प्रति शेयर (₹4148) कैश में डील करने का ऑफर ट्विटर को दिया था, जिसे अब ट्विटर ने स्वीकार कर लिया है और अब इसकी आधिकारिक एलान भी कर दिया है। इसी बीच डील फाइनल होने की खबरों के बीच सोमवार को वॉल स्ट्रीट पर शुरुआती ट्रेडिंग में ट्विटर के शेयर 5.66 फीसदी बढ़कर 51.70 डॉलर हो गए।


ट्विटर का मालिक बनते ही एलन मस्क ने कहा कि वो इसमें कई सारे बदलाव लेकर आएंगे। साथ ही उन्होंने कहा है कि फेक अकाउंट के खिलाफ भी वो कड़ी कार्रवाई करेंगे।


ट्विटर को खरीदने के पीछे की एक दिलचस्प घटना

ये बात है 21 Sept 2017 की। रात्रि के 11 बजकर 20 मिनट पर एलन मस्क ने ट्वीट किया - I Love Twitter.
इस पर अमेरिकी पत्रकार डेव स्मिथ ने उनसे प्रश्न किया- फिर इसे खरीद क्यों नही लेते?
जवाब में मस्क ने भी पूछा कि इसकी कीमत क्या है?
इस घटना के 52 महीने बाद आज 25 अप्रैल 2022 को आखिरकार एलन मस्क ने ट्विटर को खरीद ही लिया।


काफी अड़चनों के बाद हुई डील

कुछ समय पहले तक ट्विटर और एलन मस्क का रिश्ता वैसा ही लगता था जैसा एकतरफ़ा प्यार में किसी आशिक़ का होता है।

एलन मस्क ने 4 अप्रैल को पहली बार ट्विटर में 9.2% शेयर खरीदने की जानकारी दी थी । उन्होंने 15 अप्रैल को ट्विटर को पूरी तरह खरीदने का ऑफर दिया। उस वक्त ट्विटर के शेयर होल्डर्स में से एक सऊदी प्रिंस अल वलीद बिन तलाल एलन ने मस्क के ऑफर को ठुकरा दिया था। 

इसके अलावा ट्विटर ने कंपनी को जबरन अधिग्रहण से बचाने के लिए "पॉइज़न पिल" रणनीति का इस्तेमाल किया था, जो किसी को कंपनी में 15 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी खरीदने से रोकती है।

हालांकि पिछले 7 दिन से ट्विटर बोर्ड की लगातार बैठकें होती रहीं और आखिरकार बोर्ड ने मस्क के ऑफर को मंजूर कर लिया।


Elon Musk ने ट्विटर क्यों खरीदा

आपको यह जानकर जरूर आश्चर्य होता होगा कि यह Elon Musk ने उस ट्विटर को खरीदने में इतनी दिलचस्पी और इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई जिसे ट्विटर ने अपने पिछले 11 साल के बिजनेस में लगभग 9 बार घाटे में कारोबार किया।

इसका जवाब हमें एलन मस्क के जवाबों से मिलता है। मस्क का कहना है कि वह चाहते हैं कि ट्विटर की 'असाधारण क्षमता' को पूरी तरह से साधा जाए अर्थात् उसका पूरी तरह से उपयोग किया जाए। मस्क ने कहा है कि वह ट्विटर को इसलिए खरीदना चाहते है, क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि यह स्वतंत्र अभिव्यक्ति के प्‍लेटफॉर्म के रूप में अपनी क्षमता पर खरा उतर पा रहा है।

उन्होंने साफ किया कि ट्विटर से कमाई करने में उन्हें बहुत रुचि नहीं है, उनके पास पहले ही बहुत पैसे हैं और वह कई तरह-तरह की प्रॉपर्टी रखने में सक्षम हैं।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि वे ट्विटर पर अधिक "फ्री स्पीच" और कम मॉडरेशन देखना चाहते हैं। उनका कहना है कि ट्विटर का वर्तमान एल्गोरिथम वामपंथी और लिबरल विचारधारा के अधिक अनुकूल है जबकि ट्विटर उनकी इस घोषणा से असहज हो रहा था और उनके अनुसार अपने अलगोरिदमा में बदलाव करने को तैयार नहीं था।

हालांकि अब तो वह ट्विटर के नए मालिक हो चुके हैं, इसलिए अब इस डील के बाद ऐसी संभावना है कि वो ट्विटर बोर्ड के साथ उसके एल्गोरिथम में बदलाव करने के लिए चर्चा करेंगे।

आपको बता दें की एलन मस्क टि्वटर पर हमेशा से एक्टिव रहे हैं पर जितना वह ट्विटर पर एक्टिव रहते हैं, उतना ही अधिक उनका विवादों से भी नाता रहा है।

कई जानकार तो एलन मस्क के ट्विटर को खरीदने के पीछे एलन मस्क का लगातार ट्विटर से संबंधित विवाद को जिम्मेदार मानते हैं।


एक समय अमेरिका की सिक्योरिटी और एक्सचेंज कमीशन ने उन्हें टेस्ला के मामले से जुड़ा कोई भी ट्वीट करने से प्रतिबंधित कर दिया था क्योंकि उनके एक ट्वीट से टेस्ला के शेयर में 14 बिलियन डॉलर का नुक़सान हुआ था। 

वहीं मस्क ने एक गुफ़ा-गोताखोर को लेकर भी ट्विटर पर आपत्तिजनक टिप्पणी भी की थी, जिसके बाद उस गोताखोर ने उन पर मानहानि का मुक़दमा कर दिया था। हालांकि मस्क ने ये मुक़दमा जीत लिया था। 


क्या वाकई में एलन मस्क ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए ट्विटर को खरीदा है

एलन मस्क ने ट्विटर को खरीदने के लिए इस बात को जोर दिया है कि ट्विटर अभिव्यक्ति के स्वतंत्र प्लेटफार्म के रूप में अपनी भूमिका से न्याय नहीं कर पा रहा है। इस वजह से उन्होंने ट्विटर को खरीदा है ताकि वह इसे फ्रीडम आफ स्पीच के मूल अधिकार के रूप में लोगों को फ्री स्पीच की और अधिक सुविधा दे सकें। परंतु क्या वास्तव में मस्क ने ट्विटर को फ्री स्पीच की स्वतंत्रता को बढ़ाने के लिए ही खरीदा है? 

एलन मस्क के पिछले ट्रैक रिकार्ड को देखा जाए तो यह बात सामने आती है कि मस्क ने ट्विटर को इसकी लोकप्रियता के कारण खरीदा है। उन्होंने स्वयं ही यह कहा है कि उन्होंने ट्विटर को बिजनेस के लिए या पैसा कमाने के लिए नहीं खरीदा है। संभवत: ट्विटर को खरीदने के पीछे उनकी महत्वकांक्षी जिम्मेदार हो सकती है।

पिछले कुछ दिनों से ऐसी चर्चा रही थी कि एलन मस्क ट्विटर के मुकाबले कोई अपना प्लेटफार्म खड़ा करना चाहते हैं क्योंकि ट्विटर ने पिछले कुछ दिनों में कई प्रसिद्ध हस्तियों के ट्विटर अकाउंट और ट्वीट्स पर सैंक्शंस लगाए थे और कई देशों में लगातार वह हेट स्पीच के कारण घेरे में बना हुआ था।


साथ ही ऐसी भी संभावना जताई जा रही है कि अब वह ट्विटर का इस्तेमाल विभिन्न देशों की सरकारों को ब्लैकमेल करने के लिए भी कर सकते हैं क्योंकि भारत जैसे बड़े बाजार वाले देश ने एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला को भारत में व्यापार करने की अनुमति नहीं दी है जबकि मस्क लगातार भारत सरकार से इसकी मांग करते रहे हैं। 

इस तरह दुनियाभर के अनेक देशों की सरकारों से अपनी बात मनवाने के लिए वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सकते हैं।


वो "बटन" जिस पर टकरा रहे हैं मस्क और ट्विटर के वर्तमान CEO पराग अग्रवाल

एलन मस्क ने ट्विटर में 9.2% की हिस्सेदारी लेने के पश्चात एक ट्वीट किया था कि टि्वटर में यदि एडिट का बटन भी दे दिया जाए तो कैसा रहेगा? इस पर उन्होंने टि्वटर यूजर्स से वोटिंग करने की अपील की थी।

यानी उन्होंने लोगों से पूछा था कि क्या लोग ट्विटर पर ऐसी सुविधा चाहते हैं जिससे कि किसी ट्वीट को Edit किया जा सके। अभी ट्विटर पर किसी ट्वीट में परिवर्तन करने की कोई व्यवस्था नहीं है, हालाँकि, किसी ट्वीट को डिलीट किया जा सकता है। एडिट बटन की माँग बहुत लंबे समय से उठती रही है, और ये शायद एक ऐसी चीज़ है जिसकी उनको स्वयं ज़रूरत है।

इस बात का जवाब देते हुए वर्तमान सीईओ पराग अग्रवाल ने लोगों से मस्क के इस ऑफर पर सावधानी से वोट करने की अपील की थी।


हालांकि ट्विटर के संस्थापक जैक डोर्सी हमेशा से ट्विटर पर एडिट बटन का विरोध करते आए हैं। उनका कहना है कि यदि ट्विटर पर एडिट बटन दे दिया गया तो लोग अपने विवादित ट्वीट में परिवर्तन कर उसका अर्थ बदल सकते हैं।


Elon Musk ट्विटर का बिजनेस मॉडल कैसा चाहते हैं

वर्तमान में ट्विटर का मुख्य बिज़नेस मॉडल विज्ञापन पर आधारित है और मस्क इसे बदलना चाहते हैं। मस्क का कहना है कि उनकी रुचि सब्सक्रिप्शन मॉडल में ज़्यादा है, यानी वो चाहते हैं कि ट्विटर के इस्तेमाल के लिए लोगों से पैसे लिए जाएं। परंतु वर्तमान समय में जब सारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फ्री हैं, तो सब्सक्रिप्शन मॉडल को बढ़ा पाना थोड़ा मुश्किल जरूर नज़र आ रहा है। 

यदि ऐसा होता है तो ट्विटर यूज़र्स को यह तय करना पड़ सकता है कि वे अपने डेटा का उपयोग ट्विटर को मॉनेटाइज़ करने के लिए नही करना चाहते हैं या वे इसका सब्सक्रिप्शन लेने के लिए भुगतान करने को तैयार हैं। लेकिन ये क़दम एक जुआ भी साबित हो सकता है।


साथ ही मस्क को क्रिप्टो-करेंसी भी पसंद हैं। ऐसी संभावना है कि वो बिटकॉइन जैसी अस्थिर, असुरक्षित मुद्राओं में भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए मंच का उपयोग कर सकते हैं।

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