April Fools Day 2022:
हर साल दुनियाभर में विशेष रूप से पश्चिमी देशों में अप्रैल की पहली तारीख को मूर्ख दिवस (April Fools Day) मनाया जाता है। बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी इस दिन कुछ न कुछ planning कर किसी ना किसी तरीके से एक-दूसरे को मूर्ख (Fool) बनाने की कोशिश करते हैं। वैसे तो मजाक करने के लिए कोई दिन और ठिकाना नहीं होता, जब मन करें तब कर लिया जाता है, लेकिन इस दिन जो मज़ाक किया जाता है वो दूसरों को बुरा नहीं लगता।
अप्रैल फूल डे पर घटी सच्ची घटनाएं जिन्हें लोगों ने मजाक समझ लिया था
पूरी दुनिया में अप्रैल फूल डे का प्रचलन इतना अधिक हो गया है कि कई बार ऐसी घटनाएं भी हो जाती हैं जिन्हें लोग April fool day का मजाक समझकर नजरअंदाज कर देते हैं और फिर उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है। कभी-कभी तो उन्हें इसकी कीमत अपनी जान देकर भी चुकानी पड़ जाती है।
दुनिया में अनेक ऐसी घटनाएं घटी हैं जिन्हें पहले तो लोगों ने एक अप्रैल होने के कारण मूर्ख बनाने का पैंतरा समझ कर नजरअंदाज कर दिया लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि ये सारी घटनाएं सही थीं।
उदाहरण के तौर पर 1 अप्रैल, 2007 को गूगल ने अपने न्यूयॉर्क सिटी ऑफिस में चेतावनी दी थी कि बिल्डिंग में अजगर घूम रहा है। कर्मचारियों को लगा कि यह मजाक है।
ऐसा ही एक बार पहले भी गूगल के साथ हुआ था, जब गूगल ने साल 2004 में Gmail को 1 अप्रैल को लांच किया था, जिसे लोग एक मजाक समझ बैठे थे।
इसी तरह 1 अप्रैल, 1947 को ग्रीस के किंग जॉर्ज की मौत की खबर आई तो लोगों ने सोचा कि यह झूठी खबर है।
कुछ घटनाएं ऐसी भी घटी थी जिनको नजर अंदाज करने पर लोगों को इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। उदाहरण के तौर पर 31 मार्च 1946 को अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि हवाई और एलुइतन द्वीप पर सुनामी आने वाली है, पर लोगों ने 1 अप्रैल समझ पर इसे मजाक के रुप में ले लिया। पर यह बात सच हुई और 165 लोगों ने अपनी जान गंवा दी।
April Fool day का इतिहास
अप्रैल महीने के पहले दिन का अपना अलग ही आकर्षण है। अप्रैल फूल डे के दिन लोग अपने दोस्तों, भाई-बहनों, परिवार वालों और सहकर्मियों द्वारा किए गए चुटकुलों का मजा लेते ही हैं, साथ ही इस दिन हर कोई अपने प्रिय लोगों के साथ कुछ शरारत करने का अवसर ढूंढते रहता है। फिर चाहे वो मैसेज भेजकर हो या किसी भी तरह का प्रैंक कर, बस कुछ ऐसा करते हैं कि लोग खूब हंसी- मजाक करते रहें। पर क्या आप जानते हैं कि इस दिन को कब से मनाया जा रहा है? कैसे और क्यों हुई इसकी शुरुआत. आइए हम आपको बताते हैं-
पूरी दुनिया में विशेष रूप से पश्चिमी देशों में 1 अप्रैल को April Fool's Day अर्थात् मूर्ख दिवस मनाने के पीछे अनेक मान्यताएं, अनेक लोक कथाएं और अनेक जन श्रुतियां प्रचलित हैं, जिनमें से दो जन जनश्रुतियों को सर्वाधिक मान्यता प्राप्त है-
1. कुछ इतिहासकारों के मुताबिक 1381 में पहली बार ये दिन मनाया गया था। एक मत के अनुसार कहा जाता है कि इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय (Richard II) और बोहेमिया की रानी ऐनी (Anne) ने सगाई का एलान कर दिया था। उनकी सगाई की तारीख 32 मार्च 1381 तय की गई। इस ख़बर को सुन कर लोग बहुत खुश हुए और सबने जश्न मनाना शुरू कर दिया। बाद में उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि कैलेंडर (Calendar) में तो 32 मार्च की तारीख होती ही नहीं है यानी सब बेवकूफ बन गए। इस मतानुसार तब से ही अप्रैल महीने की पहली तारीख को मूर्ख दिवस मनाया जाने लगा।
2. अप्रैल फूल डे से जुड़े दूसरे मत के अनुसार 1 April को Fool's Day मनाने की शुरुवात फ्रांस (France) से हुई। कहा जाता है कि साल 1582 में चार्ल्स पोप (Charles Pope) ने पुराने कैलेंडर को बदल कर उसकी जगह नया रोमन या ग्रेगोरियन कैलेंडर (Roman or Gregorian calendar) लागू किया था। इसके बावजूद बहुत सारे लोग पुराने कैलेंडर के हिसाब से ही चलते रहे यानी पुराने कैलेंडर को फॉलो कर उसके हिसाब से ही अपना नया साल (New Year) मनाते रहे। तब से ही नए ग्रेगोरियन कैलेंडर को मानने वाले लोग पुराने कैलेंडर को मानने वाले लोगों को April Fools कहने लगे और 1 अप्रैल को अप्रैल फूल्स डे मनाया जाने लगा।
भारत में इसे अंग्रेजों द्वारा 19वीं शताब्दी में शुरू किया गया था।
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